विश्वास यानि ज्वलंत धमनियों का अविरत स्पंदन। प्रकृति द्वारा मानव को प्रदत्त सबसे श्रेष्ठ वरदान। जीवन के नगर का एकमात्र राजपथ। भावनाओं के साम्राज्य का वसंत, मन-मयूर के पूर्ण फैले हुए पंख, विकसित शरीर-भुजंग का सुन्दर चितकबरा फन, ज़िन्दगी के उद्यान का सुगन्धित केवड़ा, विश्वकर्ता के सतत दौड़ने वाले रथ का सबसे शानदार घोड़ा, मनुष्य का गर्व से सर उठाकर चलने का सामर्थ्य। और इसी विश्वास की अनुभूति का स्थान है “विश्वास स्वरूपम्”।
“विश्वास स्वरूपम्” एक ऐसा स्थान है जहां की मार्मिक अनुभूति आपके मस्तक को चूमती हुई आपके अंतर्मन में नई ऊर्जा का संचार कर देती है। यहाँ आकर जो भी देखा और महसूस किया जाता है उसे परिभाषित नहीं किया जा सकता है अपितु उसकी अनुभूति ही की जा सकती है। शिव का यह स्वरुप एक दृढ़ आधारशिला है जो आपको अपने सपनों पर अटूट विश्वास करने का सामर्थ्य प्रदान करता है।
“विश्वास स्वरूपम्” धरती से आकाश की ओर जाती एक ऐसी आवाज़ है जो आपके विश्वास, दृष्टिकोण व अंतर्मन को पुकारती है।
“विश्वास स्वरूपम्” की कहानी अपने-आप में कई मनोभावों को अभिव्यक्त करती है। एक ऐसी अनुभूति जिसमें अदम्य विश्वास और सामर्थ्य का समायोजन है। आप यहाँ आकर न जाने कितने ही किस्से-कहानियों को सुनेंगे और जाने-अनजाने उनके किरदारों को जिएँगे । कहानियों और मान्यताओं का चंद्र और चकोर जैसा साथ है । “विश्वास स्वरूपम्” संसार भर के दर्शनीय स्थानों का एक अध्याय है । और इसी अध्याय को जीवंत करती है यहाँ की यात्रा और उससे जुड़े वृतांत ।
यह स्थान सभी आगंतुकों के लिए कभी एक जैसा तो कभी भिन्न प्रतीत होता है। हर किसी व्यक्ति को यहां शिव तो मिलेंगे पर यहाँ अनुभव की जाने वाली अदम्य शक्ति सबके लिए अनूठी होगी। और यही कारण है कि यह स्थान जितना विराट है उतना ही विस्मयकारक। यहाँ का हर कोना उदाहरण है एक ऐसी सकारात्मकता का जो आपको आपके जीवन के कई अनछुए पक्ष उजागर करने का सामर्थ्य प्रदान करती है। यहाँ आकर आप जितना उत्साहित होंगे उतने ही प्रेरित व मंत्रमुग्ध भी।
अनेक भावों को अपने मन में संजोए यहाँ आने वाले हर व्यक्ति को “विश्वास स्वरूपम्” जीवन के प्रति एक नया दर्शन, विश्वास की एक नई सोच और सकारात्मकता का एक शक्तिपुंज प्रदान करता है। एक खुशहाल मानसिकता और आनंद से भरपूर ऊर्जा का पुरज़ोर प्रवाह है “विश्वास स्वरूपम्”। तो आइए और अनुभव कीजिए प्रेरणा से ओत-प्रोत नवजीवन का एक प्रवेशद्वार: “विश्वास स्वरूपम्”।